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“Stock Market का सबसे बड़ा झटका: संजीव भसीन पर SEBI का एक्शन, क्या अब भरोसा टूट गया?







SEBI का बड़ा एक्शन: संजीव भसीन समेत 11 लोगों पर रोक, जानिए क्या है पूरा मामला

🚨 SEBI का बड़ा एक्शन: संजीव भसीन समेत 11 लोगों पर रोक, जानिए क्या है पूरा मामला

भारतीय शेयर बाजार के नियामक SEBI ने एक बार फिर कड़े कदम उठाते हुए बाजार में अनुचित लाभ कमाने वालों पर शिकंजा कसा है। इस बार निशाने पर आए हैं संजीव भसीन, जो लंबे समय से एक वित्तीय सलाहकार और टीवी चैनलों पर ‘एक्सपर्ट’ के रूप में जाने जाते हैं। SEBI ने उन पर और उनसे जुड़े 11 अन्य लोगों पर फ्रंट-रनिंग जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए बाजार में कारोबार करने से रोक लगा दी है।

फ्रंट-रनिंग क्या होती है?

फ्रंट-रनिंग वह प्रक्रिया होती है जिसमें कोई व्यक्ति या संस्था किसी बड़े ट्रेड से पहले खुद के लिए खरीद/बिक्री करता है और फिर आम लोगों को उसी दिशा में सलाह देता है। इस तरीके से वे जनता से पहले शेयर खरीदकर बाद में ऊँचे दाम पर बेचते हैं, जिससे उन्हें भारी लाभ और आम निवेशकों को नुकसान होता है।

SEBI ने क्या कदम उठाया?

  • SEBI ने संजीव भसीन और उनके सहयोगियों को मार्केट से बाहर कर दिया है।
  • इन लोगों पर लगभग ₹11.37 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप है।
  • SEBI ने उनके द्वारा कमाए गए इन पैसों को बाजार में वापसी का आदेश दिया है।

कैसे हुआ पूरा खुलासा?

SEBI की जांच में सामने आया कि संजीव भसीन टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के जरिये जिन स्टॉक्स की सिफारिश कर रहे थे, उनमें पहले ही उनके सहयोगी निवेश कर चुके थे। जैसे ही उनकी सिफारिशें वायरल होती थीं, शेयर की कीमतें बढ़ती थीं और वे मुनाफा कमाकर बाहर निकल जाते थे।

इन पर भी लगे आरोप:

  • संजीव भसीन के रिश्तेदार और दोस्त भी इस गतिविधि में शामिल थे।
  • एक Telegram चैनल के जरिए टिप्स फैलाए जाते थे।
  • आंतरिक चैट्स और ऑडियो कॉल्स SEBI के पास मजबूत सबूत के रूप में हैं।

निवेशकों को क्या सिख मिलती है?

यह घटना हमें यह सिखाती है कि हर चमकती चीज सोना नहीं होती। सिर्फ टीवी चैनल पर किसी की सलाह देखकर निवेश करना समझदारी नहीं है। हमेशा SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजर से ही सलाह लें और अपनी रिसर्च करें।

क्या इसका बाजार पर असर पड़ा?

इस खबर के सामने आने के बाद निवेशकों में हलचल मच गई है। इससे साफ है कि अब SEBI हर छोटे-बड़े गलत कामों पर कड़ी नजर रखेगा। इससे आम निवेशकों को राहत मिल सकती है कि कोई उनके साथ छल नहीं कर पाएगा।

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निष्कर्ष

इस घटना से हमें यह सबक मिलता है कि बाजार में अगर आपको लंबे समय तक टिकना है तो भरोसे की जगह समझदारी से काम लेना जरूरी है। किसी की लोकप्रियता या चेहरे पर भरोसा करने के बजाय उसकी नियत और काम को समझना अधिक ज़रूरी है।

📌 Disclaimer:

यह ब्लॉग केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इसमें दिए गए विचार लेखक के निजी हैं। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। हम किसी भी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।


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